हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने नव वर्ष के पहले दिन हिमाचल प्रदेश लोक प्रशासन संस्थान (हिप्पा) के 50 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर बड़ा ऐलान किया। उन्होंने संस्थान का नाम पूर्व प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखने की घोषणा की। इस मौके पर सीएम ने डॉ. मनमोहन सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि हिमाचल के विकास में उनका विशेष योगदान रहा है। उनके प्रयासों से प्रदेश में कई बड़े संस्थान स्थापित हुए।

सीएम सुक्खू ने दृष्टिबाधित बच्चों की मासिक पेंशन 1500 रुपये से बढ़ाकर 4000 रुपये करने का ऐलान किया। यह सुविधा अब 27 वर्ष की आयु तक दी जाएगी। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार इसे आगामी बजट में शामिल करेगी, जिससे विशेष बच्चों को आत्मनिर्भर बनाया जा सके।

इस अवसर पर हिप्पा में न्यू एज टेक्नोलॉजी आधारित स्पेशल एजुकेटर प्रशिक्षण कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ, जिसमें 80 शिक्षक भाग ले रहे हैं। यह प्रशिक्षण दृष्टिबाधित बच्चों को ब्रेल के स्थान पर नई तकनीक से पढ़ाने के लिए है। सीएम ने कहा कि प्रदेश के संसाधनों में विशेष बच्चों को भी बराबर का हक मिलना चाहिए।

उन्होंने बताया कि हिमाचल की कुल आय 16 हजार करोड़ रुपये है, जबकि कर्मचारियों की सैलरी और पेंशन पर 27 हजार करोड़ रुपये खर्च हो रहे हैं। सरकार राज्य की आय बढ़ाने के प्रयास कर रही है, ताकि प्रदेश का भविष्य सुखद हो।

इस कार्यक्रम में पंचायती राज मंत्री अनिरुद्ध सिंह, नगर निगम शिमला के महापौर सुरेंद्र चौहान, हिप्पा निदेशक रूपाली ठाकुर और अन्य अधिकारी मौजूद थे। सीएम ने हिप्पा के 50 वर्ष पूर्ण होने पर सभी अधिकारियों और कर्मचारियों को बधाई दी।

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