हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल IGMC Shimla में 132 आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त किए जाने के बाद आज से अनिश्चितकालीन हड़ताल शुरू हो गई है। आउटसोर्स कर्मचारियों के इस कदम से अस्पताल की सफाई व्यवस्था पूरी तरह ठप हो चुकी है और स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह प्रभावित हो रही हैं।
अस्पताल के IGMC Contract Union के अध्यक्ष वीरेंद्र लाल ने बताया कि यह सभी कर्मचारी पिछले चार सालों से लगातार सेवाएं दे रहे थे। कोविड महामारी के दौरान भी इन कर्मचारियों ने महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान की थीं, लेकिन अब इन्हें अचानक नौकरी से निकाल दिया गया है। इस निर्णय के विरोध में सफाई कर्मचारी, वार्ड अटेंडेंट और डाटा एंट्री ऑपरेटर हड़ताल पर चले गए हैं। हालांकि, इमरजेंसी सेवाएं अभी भी जारी हैं।
निकाले गए कर्मचारियों में 70% महिलाएं शामिल हैं, जो अपने परिवार और बच्चों का पालन-पोषण इसी नौकरी से करती थीं। एक महिला कर्मचारी ने बताया कि उनकी रोजी-रोटी इसी पर निर्भर थी, लेकिन अब उनके सामने गंभीर आर्थिक संकट खड़ा हो गया है।
हड़ताल के चलते अस्पताल में 500 से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी काम बंद कर चुके हैं। इसके अलावा, अस्पताल के 151 डॉक्टर पहले ही एक महीने की छुट्टी पर हैं, जिससे पूरी व्यवस्था गड़बड़ा गई है। यूनियन ने चेतावनी दी है कि जब तक निकाले गए कर्मचारियों को फिर से बहाल नहीं किया जाता, तब तक हड़ताल जारी रहेगी।
IGMC प्रशासन से हुई बातचीत में अब तक कोई सकारात्मक समाधान नहीं निकल पाया है। हड़ताल की वजह से मरीजों और उनके परिजनों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।