कुनिहार : ग्राम पंचायत पट्टा बरावरी में आयोजित श्रीमद देवी भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य शशांक कृष्ण कौशल ने उपस्थित जनसमूह को देवी भागवत कथा के अनेक दिव्य प्रसंगों से अवगत कराया।उन्होंने बताया कि देवी की उपासना से हर वस्तु सुलभ व प्राप्य हो जाती है ,धन की देवी लक्ष्मी हैं तो विद्या की सरस्वती हैं ,बल की देवी काली हैं तो शत्रुनाश की बगलामुखी व धूमावती हैं।रूप लावण्य के लिये देवी त्रिपुरसुंदरी की उपासना होती है तो संगीत के लिये देवी मातंगी की उपासना होती हैं।

हमारे जीवन में जो भी जिस भी प्रकार की समस्यायें हैं वे सब भगवती की शरण में आते ही समाप्त हो जाती हैं।जो कोई भाव से एक बार मात्र “माँ” कहता है उसे जगदम्बा अपनी गोद प्रदान करती हैं।एक अन्य प्रसंग के माध्यम से उन्होंने बताया कि जब शुकदेव जी राजा जनक से मिलने मिथिला गये तो राजा जनक ने ज्ञान उपदेश से पहले उनकी परीक्षा ली।जब दोनों में चर्चा हुई तो जनक जी ने शुकदेव से कहा कि बन्धन का कारण मोह है,गृहस्थ नहीं।

यदि कोई व्यक्ति वन में भी भजन करने जाता है तो उसे आश्रय और फल-जल की चिंता होती है जबकि गृहस्थ में पत्नी व परिवार की चिंता होती है।यदि व्यक्ति आसक्ति त्याग दे तो वह किसी भी अवस्था में भजन कर सकता है।इस अवसर पर व्यासपीठ से “शिव कैलासो के वासी” “मैया मेरा मन खो गया इन पहाड़ों में” और “चलो बुलावा आया है माता ने बुलाया है” जैसे भजन गाकर श्रोताओं को झूमने पर मजबूर कर दिया।

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