जया एकादशी का व्रत करने से व्यक्ति के पितृ स्वर्ग प्राप्त करते हैं। इस व्रत से दस पीढ़ियों तक मोक्ष प्राप्ति का आशीर्वाद मिलता है। धन, संतान और कीर्ति की प्राप्ति के लिए यह व्रत अति शुभ माना जाता है।

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देवराज इन्द्र के दरबार में गन्धर्व माल्यवान और अप्सरा पुष्पवती के प्रेम में संगीत बिगड़ गया, जिससे क्रोधित होकर इन्द्र ने उन्हें पिशाच योनि का श्राप दिया। हिमालय में कठिन जीवन जीते हुए, संयोगवश उन्होंने जया एकादशी का व्रत रखा, जिससे श्रीहरि की कृपा से उन्हें पिशाच योनि से मुक्ति मिली और वे पुनः स्वर्ग लौट गए।

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व्रत विधि:
1️⃣ एकादशी के दिन प्रातः स्नान कर व्रत का संकल्प लें।
2️⃣ भगवान विष्णु का धूप, दीप, पुष्प, फल से पूजन करें।
3️⃣ श्रीहरि को तुलसी पत्र, पंचामृत अर्पण करें।
4️⃣ दिनभर उपवास रखें और रात में जागरण करें।
5️⃣ एकादशी कथा का श्रवण करें और दान-पुण्य करें।
6️⃣ द्वादशी के दिन ब्राह्मण भोजन कराकर पारण करें।

🔹 व्रत के लाभ:
✅ पापों से मुक्ति
✅ स्वर्ग लोक की प्राप्ति
✅ धन, संतान और समृद्धि में वृद्धि
✅ पितरों की मोक्ष प्राप्ति

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