मुख्य संसदीय सचिव (नगर नियोजन, राजस्व तथा उद्योग) राम कुमार ने गत दिनों पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में महिलाओं के साथ हुए घोर अमानवीय व्यवहार की कड़ी निदंा की है। उन्होंने इस जघन्य अपराध में संलिप्त आरोपियों के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की मांग की है


उन्होंने कहा कि प्राप्त जानकारी के अनुसार 04 मई को मणिपुर में दो आदिवासी महिलाओं को हजारों की भीड़ द्वारा निर्वस्त्र कर सड़कों पर घूमाया गया और उनके आपत्तिजनक व्यावहार किया गया। यह जानकारी मीडिया में सामने आने के बाद ही इसकी रिपोर्ट मणिपुर पुलिस ने 18 मई को दर्ज की। इस कारण लोगों में क्रोध और भारी रोष है।


राम कुमार ने कहा कि इस गम्भीर मामले में मणिपुर के मुख्यमंत्री एन.बीरेन सिंह को नैतिकता के आधार पर तुरंत त्यागपत्र देना चाहिए। उन्होंने कहा कि मणिपुर में जिन दो महिलाओं के साथ यह जघन्य अपराध हुआ है, उनमें से एक महिला के पति ने कारगिल युद्ध में भारतीय सेना की असम रेजीमेंट की ओर से लड़ाई लड़ी।

उन्होंने कहा कि यह अत्यन्त शर्मनाक है कि गत इतने दिनों से मणिपुर में जारी हिंसा पर राज्य सरकार मात्र कोरी लीपापोती कर रही है और महिलाओं के साथ हुए अपराध के अपराधी खुले आम घूम रहे है।

मुख्य संसदीय सचिव ने इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। उन्होंने कहा कि पूरे देश में मणिपुर घटना की निंदा हो रही है। गत 80 दिनों से मणिपुर हिंसा की आग में सुलग रहा है। हिंसा में कई लोगों की जान गई है। केन्द्र सरकार को मणिपुर की घटना को गम्भीरता से लेकर कार्यवाही करनी चाहिए।

उन्होंने कहा कि इस घटना से देशभर में आक्रोश फैल रहा है। उन्होंने इस अमानवीय घटना में सम्मिलित आरोपियों पर शीघ्र कठोर कार्यवाही की मांग की।उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से आग्रह किया है कि वह इस घटना की गम्भीरता को देखते हुए अपनी शक्तियों का प्रयोग कर मणिपुर की राज्य सरकार को बर्खास्त करें।

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