दिसंबर का महीना आते ही ज्योतिषीय दृष्टिकोण से खरमास का समय शुरू हो जाता है। इस वर्ष खरमास 16 दिसंबर 2024 से 14 जनवरी 2025 तक रहेगा। खरमास को मलमास के नाम से भी जाना जाता है। इस अवधि में सूर्य धनु राशि में प्रवेश करता है, जिसे धार्मिक दृष्टिकोण से शुभ कार्यों के लिए वर्जित माना गया है।

खरमास के दौरान विवाह, सगाई, मुंडन, जनेऊ, गृह प्रवेश, और अन्य शुभ कार्य नहीं किए जाते। ऐसा माना जाता है कि इस समय किए गए कार्यों का सकारात्मक फल नहीं मिलता। इसलिए हिंदू धर्म में इस अवधि को केवल धार्मिक कार्यों, पूजा-पाठ और ध्यान के लिए समर्पित किया जाता है।

धनु राशि में सूर्य का प्रवेश ऊर्जा और तेज में कमी का प्रतीक माना जाता है। यह अवधि आत्मचिंतन, साधना और धार्मिक कार्यों के लिए उपयुक्त मानी जाती है। खरमास के दौरान व्रत और पूजा करने से व्यक्ति को आध्यात्मिक उन्नति मिलती है।

इस अवधि में सूर्य देवता की पूजा को अत्यंत शुभ माना गया है। सूर्य देव के आशीर्वाद से जीवन में सुख-समृद्धि और शांति आती है। नीचे दिए गए मंत्रों का जाप करें:

  1. ॐ सूर्याय नमः
  2. ॐ घृणि सूर्याय नमः
  3. ॐ ऐहि सूर्य सहस्त्रांशों तेजो राशे जगत्पते, अनुकंपयेमां भक्तम्।

इन मंत्रों के जाप से स्वास्थ्य, ऊर्जा, और मानसिक शांति की प्राप्ति होती है।

खरमास में करें ये उपाय

  1. प्रतिदिन सूर्योदय के समय सूर्य को जल अर्पित करें।
  2. गुड़ और लाल पुष्प के साथ सूर्य देव की पूजा करें।
  3. ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन और वस्त्र दान करें।
  4. धार्मिक ग्रंथों का पाठ करें और भगवान विष्णु का स्मरण करें।

क्या करें और क्या न करें?

  • करें: व्रत, ध्यान, साधना, दान और धार्मिक गतिविधियाँ।
  • न करें: किसी भी प्रकार के शुभ कार्य, जैसे शादी, गृह प्रवेश, सगाई, या नया व्यापार शुरू करना।

खरमास के लाभ
खरमास के दौरान धार्मिक कार्यों में संलग्न रहने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। यह समय स्वयं को समझने और आध्यात्मिक उन्नति के लिए उत्तम है।

इस अवधि को पूरी श्रद्धा और नियमों के साथ बिताना चाहिए। सूर्य देवता का स्मरण और मंत्र जाप करने से आपके जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि का आगमन होगा।

error: Content is protected !!