प्रदूषण , खराब खानपान और डेली रूटीन का सुस्त होना या फिर बिगड़ा हुआ होना जैसी कई चीजें हैं जो आपकी हेल्थ पर बुरा असर डालती हैं. वहीं फिटनेस का नाम आते ही ज्यादातर लोग इसे वजन से जोड़कर देखते हैं. अक्सर लोगों को लगता है कि ज्यादा वजन वाले लोग अनफिट होते हैं, हालांकि ये पूरी तरह से सही नहीं है. बढ़े हुए वजन को कंट्रोल में करना जरूरी होता है, लेकिन यह फिटनेस मापने का पैमाना नहीं हो सकता है.अपनी फिटनेस को चेक करने के लिए आप कुछ टिप्स घर पर ही फॉलो कर सकते हैं.
रोजमर्रा के कई काम होते हैं जिससे आप पता कर सकते हैं कि आपकी फिटनेस कैसी है. जैसे गिरने वाले सामान को आप झट से उठा लेते हैं और इस दौरान आपको कोई परेशानी होती है या फिर नहीं. तेजी से बस पकड़ने जाने के लिए आप कहीं कुछ ही देर में हांफ तो नहीं जाते है या फिर सीढ़ियां चढ़ते वक्त बहुत जल्दी आपकी सांस तो नहीं फूलने लगती. इससे आप अपना स्टैमिना और लंग्स पावर के बारे में पता कर सकते हैं.
आपका हार्ट कितना हेल्दी है ये जानना बेहद जरूरी है.एक फिट युवा व्यक्ति की नॉर्मल हार्ट रेट एक मिनट में 60 से 100 के बीच होता है. इससे ऊपर एवरेज से ज्यादा माना जाता है. जबकि वयस्कों में प्रति मिनट हार्ट रेट 70 से 75 बीपीएम हो सकती है . हार्ट रेट इस बात पर निर्भर करती है कि आप उस वक्त आराम कर रहे हैं या फिर कोई हैवी फिजिकल एक्टिविटी कर रहे हैं.
शरीर का बैलेंस भी आपकी फिटनेस को दिखाता है. इसे चेक करने के लिए एक पैर पर खड़े होकर टेस्ट कर सकते हैं. अगर आप 30 सेकंड या फिर उससे ज्यादा टाइम तक एक पैर पर बिना किसी परेशानी के खड़े रह सकते हैं तो इससे पता चलता है कि बॉडी का बैलेंस सही है.
अगर आपकी बॉडी फ्लैक्सिबल रहती है तो कोई भी काम करते वक्त मांसपेशियों की टूट-फूट का डर कम रहता है. फ्लेक्सिबिलिटी मापने के लिए पीठ के बल लेटकर अपने दाहिने पैर को मोड़ते हुए चेस्ट की तरफ लाएं और 30 सेकंड तक होल्ड करके रखें. इसी तरह से दूसरे पैर से भी दोहराएं. इसी तरह से आप कुछ स्ट्रेचिंग एक्टिविटी करके फ्लैक्सिबिलिटी की जांच कर सकते हैं.