हिमाचल प्रदेश में कुल 302 सड़कें वन विभाग के पास एफसीए (फॉरेस्ट क्लीयरेंस एक्ट) के कारण लंबित हैं। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने बताया कि लोक निर्माण विभाग इन सड़कों की एफसीए एनओसी (नॉस्ट्रिक्शन सर्टिफिकेट) प्राप्त करने के लिए वन विभाग से निरंतर पत्राचार कर रहा है। वन विभाग द्वारा लगाई गई आपत्तियों को शीघ्र निपटाने की कोशिश की जा रही है। उपायुक्तों की अध्यक्षता में हर महीने जिला स्तर पर वन विभाग के अधिकारियों और संबंधित अधिशासी अभियंता के साथ बैठक का आयोजन किया जाता है।
जैजों खड्ड में बाढ़ का असर
जिला ऊना की सीमा पर जैजों खड्ड में आई बाढ़ के कारण 11 व्यक्तियों की मृत्यु हो गई। हादसे की जगह हिमाचल प्रदेश की सीमा से लगभग 600 मीटर दूर है और यह पंजाब की सीमा पर स्थित है। उपायुक्त ऊना ने पुल निर्माण के मामले को 22 अगस्त को पत्र के माध्यम से उपायुक्त होशियारपुर के पास भेजा है। राजस्व मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि इस हादसे में मृतक व्यक्तियों के कानूनी उत्तराधिकारियों को 44 लाख रुपये की वित्तीय सहायता प्रदान की गई है। प्रभावित 4 परिवारों को प्रत्येक को 20-20 हजार रुपये और रेडक्रॉस के माध्यम से 80-80 हजार रुपये वितरित किए गए हैं।
सड़क सुरक्षा और वित्तीय प्रावधान
बीते तीन वर्षों में, 31 जुलाई, 2024 तक, लोक निर्माण विभाग ने पीएमजीएसवाई, सीआरएफ और अन्य योजनाओं के तहत 7085.80 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। लोक निर्माण मंत्री विक्रमादित्य सिंह के अनुसार, विभाग ने सड़क सुरक्षा के सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं। इसके तहत 51016 मीटर क्रैश बैरियर, 15000 मीटर क्रैश बैरियर, 665 मीटर आरओएफडी (रोड ऑपरेटिंग फेंसिंग डिवाइस), और 2000 मीटर रिटेनिंग वाल लगाए गए हैं। चालू वित्त वर्ष में सड़क सुरक्षा के सुधार के लिए 15.62 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है, जिसमें 6.52 करोड़ रुपये रोड सेफ्टी और 9.10 करोड़ रुपये अन्य कार्यों के लिए हैं।