प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना के बाद प्रदेश सरकार ने भीड़ प्रबंधन को लेकर 5 बड़े फैसले लिए हैं। बुधवार तड़के हुए हादसे में 30 लोगों की मौत और 60 से अधिक घायल होने के बाद सुरक्षा को कड़ा कर दिया गया है। इसके बावजूद श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है, और भीड़ नियंत्रण के लिए प्रशासन ने नई गाइडलाइन्स लागू की हैं।

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सरकार के 5 बड़े फैसले:

नो-व्हीकल जोन: महाकुंभ क्षेत्र में सभी वाहनों की एंट्री पूरी तरह बैन कर दी गई है।

VVIP पास रद्द: कोई भी VVIP पास जारी नहीं किया जाएगा, ताकि सबके लिए समान नियम लागू हों।

वन-वे रूट: भीड़ नियंत्रण के लिए वन-वे ट्रैफिक सिस्टम लागू किया गया है, जिससे श्रद्धालुओं की आवाजाही आसान हो सके।

बाहरी वाहनों की नो एंट्री: आसपास के जिलों से आने वाले निजी वाहन प्रयागराज सीमा पर रोक दिए जा रहे हैं।

4 फरवरी तक विशेष प्रतिबंध: मेला क्षेत्र में चार पहिया वाहनों के प्रवेश पर 4 फरवरी तक प्रतिबंध लगा दिया गया है।

सुरक्षा पर कड़ी निगरानी

सरकार ने मेले की सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत करने के लिए ड्रोन और हेलीकॉप्टर से निगरानी शुरू कर दी है। प्रशासनिक कार्यों के लिए पुलिस, एंबुलेंस, सफाई गाड़ियां और आपातकालीन सेवाओं को ही प्रवेश की अनुमति है।

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विशेष अधिकारी तैनात

सरकार ने 2019 कुंभ के अनुभवी अधिकारियों को फिर से तैनात किया है। आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को मेले के सुचारू संचालन की जिम्मेदारी दी गई है। इसके अलावा, 5 विशेष सचिव स्तर के अधिकारी 12 फरवरी तक प्रयागराज में मौजूद रहेंगे।

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