महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा मिशन शक्ति योजना के अंतर्गत सोलन के सुल्तानपुर में स्थित राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला में विशेष जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। इस शिविर का उद्देश्य बालिकाओं और महिलाओं के अधिकारों के प्रति जन-जन को जागरूक करना और समाज में बालिका के घटते लिंगानुपात में सुधार लाना है। शिविर में मासिक धर्म स्वच्छता, स्वास्थ्य प्रबंधन, कौशल विकास, करियर काउंसलिंग, और भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के बारे में जानकारी प्रदान की गई।

कार्यवाहक ज़िला कार्यक्रम अधिकारी कविता गौतम ने इस जागरूकता शिविर का संचालन किया। उन्होंने बताया कि यह 100 दिन का विशेष अभियान है, जिसका उद्देश्य महिलाओं और बालिकाओं के प्रति समाज में सम्मान और अधिकारों के प्रति जागरूकता फैलाना है। शिविर में नारा लेखन प्रतियोगिता का आयोजन भी किया गया, जिसमें लगभग 60 विद्यार्थियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

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शिविर के मुख्य बिंदु:

  1. भारतीय न्याय संहिता 2023 के प्रावधान:
    ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण से सम्बद्ध पारुल खजूरिया ने भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रमुख प्रावधानों की जानकारी दी, जो प्रथम जुलाई, 2024 से लागू होंगे। उन्होंने छात्रों को उनके अधिकारों और न्याय प्रक्रिया के बारे में जागरूक किया।

  2. मासिक धर्म स्वच्छता और स्वास्थ्य प्रबंधन:
    आयुष विभाग की डॉ. श्वेत पर्ना ने मासिक धर्म स्वच्छता के महत्त्व पर प्रकाश डाला और छात्राओं को स्वस्थ जीवनशैली के लिए उपयोगी जानकारी प्रदान की।

  3. कौशल विकास और करियर काउंसलिंग:
    शिविर में कौशल विकास और करियर काउंसलिंग पर विशेष ध्यान दिया गया। ज़िला समन्वयक रेनु शर्मा ने मिशन शक्ति योजना की विभिन्न योजनाओं के बारे में जानकारी दी, जो बालिकाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण के लिए चलाई जा रही हैं।

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मिशन शक्ति जागरूकता अभियान का उद्देश्य:
मिशन शक्ति योजना के तहत आयोजित इस जागरूकता शिविर का मुख्य उद्देश्य समाज में महिलाओं और बालिकाओं के प्रति समानता, सुरक्षा और सम्मान के लिए जागरूकता पैदा करना है। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करना है कि बालिकाओं को उचित शिक्षा, स्वास्थ्य सुविधाएं और कौशल विकास के अवसर प्राप्त हों। इस विशेष अभियान के अंतर्गत समाज के हर वर्ग तक पहुंच कर महिलाओं और बालिकाओं के अधिकारों के बारे में जागरूकता फैलाना मुख्य उद्देश्य है | 

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