हिमाचल प्रदेश के चार प्रमुख मंदिरों—बाबा बालक नाथ, माता चिंतपूर्णी, श्रीनयना देवी और ज्वालाजी—के सौंदर्यीकरण के लिए मास्टर प्लान तैयार किया जाएगा। इन मंदिर परिसरों में श्रद्धालुओं के लिए विश्व स्तरीय सुविधाओं का सृजन किया जाएगा, जिससे प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने यह घोषणा शिमला में भाषा एवं संस्कृति विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन चारों मंदिरों को आधुनिक सुविधाओं से लैस किया जाएगा। श्रद्धालुओं को बेहतर अनुभव देने के उद्देश्य से बुनियादी ढांचे में सुधार किया जाएगा। इससे हिमाचल प्रदेश में धार्मिक पर्यटन को नई ऊंचाइयां मिलेंगी।
मुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि प्रदेश में आयोजित मेलों और उत्सवों में कम से कम एक सांस्कृतिक संध्या स्थानीय कलाकारों के लिए आरक्षित होगी। कुल व्यय का 33 प्रतिशत हिस्सा इन कलाकारों को दिया जाएगा। इसके साथ ही कलाकारों का मानदेय तय करने और इसे युक्तिसंगत बनाने के निर्देश भी दिए गए।
मुख्यमंत्री सुक्खू ने जानकारी दी कि शिमला स्थित बैंटनी कैसल में डिजिटल संग्रहालय की स्थापना का कार्य इसी वर्ष पूरा कर लिया जाएगा। इसके अलावा, अंतर्राष्ट्रीय रौरिक स्मारक ट्रस्ट को पर्यटन की दृष्टि से विकसित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने लोक निर्माण विभाग को निर्देश दिया कि 80% से अधिक पूर्ण निर्माण कार्यों को प्राथमिकता के आधार पर शीघ्र पूरा किया जाए। टेंडर फॉर्म की फीस युक्तिकरण के निर्देश भी दिए गए
मुख्यमंत्री ने आगामी वित्त वर्ष से सभी जिलों में जिला स्तरीय उत्सव आयोजित करने की योजना बनाई है। यह पहल स्थानीय संस्कृति और परंपराओं को संरक्षित करने और प्रोत्साहित करने के उद्देश्य से की जा रही है।
मुख्यमंत्री ने मंडी जिले के अविनाश जम्वाल को राष्ट्रीय मुक्केबाजी चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने पर बधाई दी। उन्होंने कहा कि जम्वाल ने हिमाचल का नाम राष्ट्रीय स्तर पर रोशन किया है और वे उभरते हुए खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा स्रोत हैं।