मणिपुर में चल रही हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही है। रविवार, 1 अगस्त को एक बार फिर से इंफाल पश्चिम जिले के कोत्रुक और कडांगबंद इलाकों में कुकी और मैतेई समुदायों के बीच तीव्र गोलीबारी हुई, जिसमें 31 वर्षीय एक महिला की मौत हो गई।
घटना का विवरण
दि प्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, मणिपुर गृह विभाग ने इस घटना को “कुकी उग्रवादियों द्वारा निहत्थे ग्रामीणों पर हमला” बताया है। गृह विभाग के बयान में कहा गया है कि यह हमला कुकी उग्रवादियों द्वारा ड्रोन, बम और अत्याधुनिक हथियारों के प्रयोग से किया गया, जो राज्य में शांति स्थापित करने के प्रयासों को पटरी से उतारने का प्रयास है।
मृतक महिला की पहचान न्गांगबाम सुरबाला के रूप में की गई है, जो मैतेई समुदाय से ताल्लुक रखती थी। यह हमला तब हुआ जब सुरबाला बम विस्फोट में घायल हो गई थी। महिला को तुरंत इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान (आरआईएमएस) ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इस हमले में सुरबाला की 12 वर्षीय बेटी सहित दो अन्य लोग भी घायल हो गए हैं।
घटना की पृष्ठभूमि
यह हिंसक घटना कांगपोकपी जिले के नखुजंग गांव से शुरू होकर इंफाल पश्चिम जिले के कडांगबंद और कोत्रुक इलाकों में फैल गई। इस दौरान एक मणिपुर पुलिस का जवान भी गंभीर रूप से घायल हो गया। इस घटना के बाद केंद्रीय सुरक्षा बलों और मणिपुर पुलिस के जवानों को तुरंत घटनास्थल पर भेजा गया।
कुकी समुदाय का आरोप
कुकी जनजातियों की शीर्ष संस्था, कुकी इंपी मणिपुर ने आरोप लगाया कि यह हमला कुकी नागरिकों को निशाना बनाकर किया गया था। कुकी-ज़ो समुदाय द्वारा “अलग प्रशासन” की मांग को लेकर चूड़ाचांदपुर, कांगपोकपी और तेंगनौपाल जिलों में रैलियां निकालने के एक दिन बाद इस घटना का होना, स्थिति की गंभीरता को दर्शाता है।
राज्य में शांति की स्थिति
मणिपुर में लंबे समय से जारी कुकी और मैतेई समुदायों के बीच के संघर्ष ने राज्य में शांति स्थापित करने के प्रयासों को बाधित कर दिया है। लगातार हो रही हिंसक घटनाओं ने राज्य सरकार और केंद्रीय बलों के सामने एक गंभीर चुनौती खड़ी कर दी है।