हिमाचल प्रदेश में दल-बदल को रोकने और संविधान की दसवीं अनुसूची के अंतर्गत अयोग्य घोषित विधायकों की पेंशन बंद करने के लिए नया कानून बनाया गया है। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू द्वारा पेश किया गया यह विधेयक बुधवार को विधानसभा में पास हो गया और अब राज्यपाल की मंजूरी के बाद कानून का रूप लेगा। इस कानून के तहत, अगर कोई विधायक संविधान की दसवीं अनुसूची के तहत अयोग्य घोषित होता है, तो उसे पेंशन का हकदार नहीं माना जाएगा। इसके साथ ही, पूर्व में ली गई पेंशन की वसूली भी की जाएगी।
इस कदम का उद्देश्य दल-बदल को हतोत्साहित करना और लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा करना है। हाल ही में, विधानसभा अध्यक्ष ने छह कांग्रेस विधायकों को दल-बदल के आरोप में अयोग्य घोषित किया था। इनमें से कुछ ने भाजपा के टिकट पर उपचुनाव लड़ा, जबकि अन्य जीतने में असफल रहे। इस कानून के पारित होने से यह पहला अवसर होगा जब देश में अयोग्य घोषित विधायकों की पेंशन बंद करने का ऐसा कानून लागू होगा।