हिमाचल प्रदेश विधानसभा के मानसून सत्र के चौथे दिन शुक्रवार को भारी हंगामा देखने को मिला। इस हंगामे की शुरुआत तब हुई जब बीजेपी विधायक इंद्र लखनपाल ने विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया पर चुनाव के दौरान आपत्तिजनक टिप्पणियाँ करने का आरोप लगाया। इंद्र लखनपाल का दावा था कि अध्यक्ष ने छह विधायकों का “सिर कलम करने” और तीन विधायकों का “सिर आरे के नीचे रखने” जैसा बयान दिया था। हालांकि, अध्यक्ष पठानिया ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया और कहा कि ऐसा कोई बयान उन्होंने नहीं दिया है, जिसके लिए खेद प्रकट करें।
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विधानसभा अध्यक्ष ने विपक्ष के नेता जयराम ठाकुर के खिलाफ कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि उन्हें जयराम ठाकुर से सीखने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सदन के भीतर वे सदन के नियमों का पालन करते हैं और बाहर उनका दायित्व अलग है।
विपक्ष ने इस बयान के बाद सदन में नारेबाजी की और सदन से वाकआउट कर दिया। इसके बाद विधानसभा अध्यक्ष ने चेतावनी दी कि अगर हंगामा नहीं रुका तो कार्रवाई की जाएगी और सदन की कार्यवाही को 2:00 बजे तक स्थगित कर दिया गया।
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सत्तापक्ष की ओर से संसदीय कार्य मंत्री हर्ष वर्धन चौहान ने विपक्ष द्वारा लगाए गए आरोपों की निंदा की और सदन में निंदा प्रस्ताव प्रस्तुत किया। उन्होंने कहा कि राज्यसभा चुनाव के दौरान बीजेपी ने हिमाचल में “मिशन लोटस” चलाया, जिसका प्रदेश की जनता ने जवाब दे दिया है।
मुख्यमंत्री ने भी विधानसभा अध्यक्ष के बयान को जायज ठहराते हुए कहा कि उसमें कुछ भी गलत नहीं है।