हिंदू धर्म में नारियल को अत्यंत शुभ और पवित्र माना जाता है। इसे ‘श्रीफल’ भी कहते हैं, जिसका अर्थ है देवी लक्ष्मी का फल। धार्मिक अनुष्ठानों, पूजा-पाठ और हवन में नारियल का विशेष महत्व होता है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि पूजा में नारियल को लाल कपड़े में ही क्यों लपेटा जाता है? इसके पीछे गहरे धार्मिक और वैज्ञानिक कारण हैं।

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धार्मिक महत्व

  1. लाल रंग का शुभ प्रभाव – लाल रंग ऊर्जा, शक्ति और समृद्धि का प्रतीक है। इसे माता लक्ष्मी और त्रिदेवों का प्रिय रंग माना जाता है।
  2. माता लक्ष्मी की कृपा – लाल रंग लक्ष्मीजी का प्रिय रंग है। नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर पूजा करने से देवी लक्ष्मी की कृपा प्राप्त होती है और धन-संपत्ति में वृद्धि होती है।
  3. त्रिदेवों का आशीर्वाद – नारियल को ब्रह्मा, विष्णु और महेश का प्रतीक माना जाता है। लाल कपड़े में लपेटकर रखने से त्रिदेवों की कृपा प्राप्त होती है।
  4. नकारात्मक ऊर्जा से बचाव – लाल कपड़ा नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है, जिससे पूजा निर्विघ्न संपन्न होती है।

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वैज्ञानिक कारण

  1. नारियल की शुद्धता बनी रहती है – लाल कपड़ा नारियल को बाहरी दूषित प्रभावों से बचाता है, जिससे वह शुद्ध बना रहता है।
  2. ऊर्जा संरक्षण – लाल रंग ऊष्मा को अवशोषित करता है, जिससे नारियल की ऊर्जा शक्ति बनी रहती है और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
  3. नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव नहीं पड़ता – वैज्ञानिक रूप से, लाल रंग की तरंगें नकारात्मक शक्तियों को दूर करती हैं।

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घर में सुख-समृद्धि और धन लाभ

यदि घर में आर्थिक समस्याएं चल रही हैं, तो पूजा में नारियल को लाल कपड़े में लपेटकर भगवान को अर्पित करें। इससे धन संबंधित परेशानियां दूर होती हैं और समृद्धि बढ़ती है।

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