वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 1 फरवरी को बजट 2025-26 पेश करते हुए ऐलान किया कि अगले हफ्ते संसद में नया इनकम टैक्स बिल पेश किया जाएगा। यह नया कानून 1961 के मौजूदा इनकम टैक्स अधिनियम की जगह लेगा और टैक्स सिस्टम को सरल, पारदर्शी और डिजिटल बनाने पर फोकस करेगा।

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नए इनकम टैक्स बिल में संभावित बदलाव

  1. सरल भाषा और कम प्रावधान – टैक्स नियमों को सरल बनाया जाएगा, ताकि आम जनता को समझने में आसानी हो।

  2. डिजिटल प्रोसेस – टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को पूरी तरह से डिजिटल किया जा सकता है।

  3. लिटिगेशन में कमी – टैक्स विवादों को कम करने के लिए नए उपाय किए जाएंगे।

  4. सिंगल ‘टैक्स ईयर’ – असेसमेंट ईयर और फाइनेंशियल ईयर को मिलाकर एक ही टैक्स ईयर किया जा सकता है।

  5. डिडक्शन और छूट में बदलाव – टैक्स सिस्टम को सरल और सीधा करने के लिए डिडक्शन को सीमित किया जा सकता है।

  6. डिविडेंड इनकम पर 15% टैक्स – सभी आय वर्गों में समानता लाने के लिए प्रस्तावित बदलाव।

  7. 35% उच्चतम टैक्स स्लैब – हाई इनकम ग्रुप के लिए स्टैंडर्ड टैक्स स्लैब लाया जा सकता है।

  8. कैपिटल गेन टैक्स में सरलीकरण – विभिन्न संपत्तियों पर समान टैक्स रेट लागू हो सकता है।

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63 साल बाद बड़ा बदलाव

1961 का इनकम टैक्स कानून 1 अप्रैल 1962 से लागू हुआ था। अब, लगभग 63 साल बाद सरकार इसे पूरी तरह से बदलने जा रही है। जुलाई 2024 में बजट के दौरान इस नए कानून का संकेत दिया गया था, और अब इसे संसद में पेश किया जाएगा। टैक्सपेयर्स की प्रतिक्रिया के आधार पर इसमें और संशोधन किए जा सकते हैं।

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