राजीव ख़ामोश , कुठाड़ : कुनिहार के पास स्थित गांव लोहारा में आयोजित हो रही श्रीमद् भागवत कथा के छठवें दिन कथावाचक आचार्य हरि महाराज ने अपने प्रवचनों ज्ञान गंगा प्रवाहित करते हुए एवं भक्तों को कथा का रसास्वादन कराते हुए कहां की भगवान श्री कृष्ण की महिमा अपरंपार, अद्भुत एवं अकल्पनीय है l
उन्होंने भगवान श्री कृष्ण की महिमा का बखान बहुत ही मनमोहक एवं सुरुचिपूर्ण ढंग से कथा पंडाल में उपस्थित भक्तों को इसका श्रवण कराया l उन्होंने अपने कथा प्रवचन में कहा कि ईश्वर केवल एक है, आज भी, सदैव भी, इस सत्य को बिना समझे मानव अपना अमूल्य समय नष्ट करता रहता है l जो कुछ इस जगत में हम देखते वहां सब कुछ नश्वर एवं क्षणभंगुर है, सत्य सनातन है, सत्य तीनों काल भूत भविष्य और वर्तमान से आगे होता है lवही दिव्यता है यही बड़ी मूर्खता है कि हम यह सोचे कि परिवर्तनशील पदार्थ इत्यादि सब वास्तविक है l
कोई व्यक्ति चाहे कितनी भी ऊंची शैक्षणिक उपाधियां प्राप्त कर ले फिर भी एक जीवात्मा/ मानव जीव को सदैव विवेक एवं विनम्रता के साथ सबके साथ आचरण करना चाहिए l विनय शीलता विद्वान की पहचान है l आजकल इस भौतिक संसार में प्रेम में मानव जीवन के मन में प्रेम, शांति और त्याग का अभाव है l व्यक्ति के मन का परिवर्तन ही , ऐसी प्रक्रिया है जिससे इस संसार में किसी व्यक्ति में कुछ बदलाव आ सकता है lहमारा मन ही जीवन की गति की दिशा को नियंत्रित करने वाला साधन है l
इस कथा के बारे में विस्तृत जानकारी देते हुए कथा आयोजक ज्ञानचंद बताया कि इस कथा का समापन मंगलवार 28 फरवरी को पूर्णाहुति के साथ होगा l इस कथा में प्रतिदिन कुनिहार के आसपास के सैकड़ों लोग इस कथा में उपस्थित हो करके पुण्य के भागीदार बन रहे हैं l कथा के उपरांत प्रतिदिन भक्तों के लिए नारायण सेवा के रूप में भंडारे का आयोजन किया जा रहा है l