हिन्दू धर्म में कई पेड़ों की पूजा होती है इन्हीं में से एक है नीम. नीम का पेड़ शनि के दोषों को खत्म तो करता ही है साथ ही, नीम कई औषधीय गुणों से भरपूर होने के साथ कई वास्तु दोषों को खत्म करने में अहम भूमिका निभाता है.

क्या आप जानते हैं कि नीम के पेड़ को घर के बाहर सही दिशा में लगाने से घर में बरकत होने लगती है . उन्नाव के ज्योतिषाचार्य पंडित ऋषिकांत मिश्र के अनुसार घर के बाहर नीम का पेड़ होने से नकारात्मक शक्तियों की हानि होती है. इसके साथ ही यह शनि, राहु-केतु की पीड़ा से भी बचाता है. ऐसे में यदि घर के बाहर सही दिशा में इस पेड़ को लगाते हैं तो घर की बरकत होने लगती है.

घर के बाहर यदि आप नीम का पेड़ लगाना चाहते हैं तो दक्षिण दिशा बेहद शुभ रहेगी. दक्षिण दिशा में नीम का पेड़ लगाने से घर में लंबे समय से रुकी बरकत दोबारा से शुरू हो जाएगी.ज्योतिश शास्त्र के अनुसार, हिन्दू धर्म में नीम के पेड़ को नीमाड़ी देवी कहा जाता है. इस पेड़ में देवी का वास होने से इसका पूजन किया जाता है.

मान्यता है कि इस पेड़ की लकड़ियों से हवन करने से वास्तु दोष दूर हो जाते हैं. परिवार में सुख-शांति आती है और पितृ दोष से भी मुक्ति मिलती है. इसके अलावा नीम की पत्तियों से घर में धुआं करने से नकारात्मक शक्तियां नष्ट होती है.

नीम का पेड़ का मंगल ग्रह से संबंध होता है इसलिए इस पर जल अर्पित करने से हनुमान जी प्रसन्न होते हैं, जिसके फलस्वरूप वह मंगल के दुष्प्रभाव के खत्म करते हैं. इसके साथ ही, नीम की माला पहनने से शनि के दोषों को टाला जा सकता है वहीं, कुंडली में केतु ग्रह शांत करने के लिए नीम की पत्तियां पानी में डालकर स्नान करें.

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