ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सोलन तथा पंजाब इंजीनियरिंग महाविद्यालय चण्डीगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में ‘रेट्रोफिटिंग तकनीक से सुरक्षित निर्माण पद्धतियां और भूकंपरोधी भवनों का मूल्यांकन’ विषय पर एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया. कार्यशाला की अध्यक्षता आज यहां अतिरिक्त उपायुक्त सोलन अजय कुमार यादव ने की .
यह भी पढ़ें : Alert : इन नंबरों से कॉल आए तो भूलकर भी ना उठाएं
अजय कुमार यादव ने कहा कि रेट्रोफिटिंग तकनीक से पुराने भवनों में नई तकनीक या सुविधाओं को जोड़ा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस तकनीक से सोलन ज़िला में विभिन्न विभागों के 20-25 वर्ष पुराने भवनों को दुरूस्त करने के लिए पहले से चयनित स्थानों का निरीक्षण किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस पद्धति से जहां भवनों का जीर्णोद्धार होगा वहीं किसी भी प्राकृतिक आपदा के दौरान नुकसान को न्यून किया जा सकेगा।
यह भी पढ़ें : निर्वाचन नामावली की अधिसूचना जारी
पंजाब इंजीनियरिंग महाविद्यालय चण्डीगढ़ की प्रो. सरीता सिंगला तथा डॉ. अर्शदीप सिंह ने इस अवसर पर रेट्रोफिटिंग के विषय पर विस्तृत जानकारी प्रदान की।कार्यशाला में ज़िला आपदा प्रबंधन प्राधिकरण सोलन से प्रदीप तथा राकेश, पंजाब इंजीनियरिंग महाविद्यालय चण्डीगढ़ से कनव देवगन तथा विभिन्न विभागों के तकनीकी अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।