राजीव खामोश : जिला सोलन के अर्की क्षेत्र से सम्बन्ध रखने वाले हिमाचल प्रदेश के दिग्गज संगीतकार एस शशि अपने परिजनों और प्रशंसकों को अकेला छोड़कर इस संसार को अलविदा कह गए . उनके इस तरह अचानक सबको अकेला छोड़ कर चले जाने पर हर संगीत प्रेमी स्तब्ध है और पूरे प्रदेश में शोक की लहर दौड़ गयी है . उनके स्वर्गवास की जानकारी उनके पुत्र पंकज भार्गव जो की इंडिया टी वी में एंकर/एग्जीक्यूटिव एडिटर हैं ने ट्विटर पर साँझा की .
इसके अतिरिक्त स्वर्गीय एस शशि जी के गुरु भाई कृष्ण कालिया जी ने भी इस दुखद खबर को साँझा करते हुए बताया कि एस शशि हिमाचल के वो पहले शख्स थे जिन्होंने सबसे पहले आकाशवाणी जालन्धर पर “पर्वत की गूँज ” नामक हिमाचली कार्यक्रम को शुरू करके हिमाचल की लोक संस्कृति को जन जन तक पहुँचाने की एक अनूठी पहल की .
उन्होंने बताया कि आकाशवाणी दिल्ली में भी इन्होने संगीतकार के पद पर कार्य करते हुए कई दिग्गज कलाकारों से अपने संगीतबद्ध गीतों को गवाया इसके बाद आकाशवाणी जालंधर और फिर आकाशवाणी शिमला में वरिष्ठ संगीतकार के रूप में कार्य करते हुए हिमाचली के लोक गीतों को एक पहचान दिलाने की महत्वपूर्ण भूमिका निभाई जो कि हमेशा हर हिमाचली के दिलों में एक याद बनकर जिंदा रहेगी .
स्वर्गीय एस शशि जी के गुरु भाई कृष्ण कालिया जी ने बताया कि उन्होंने हिमाचली कलाकारों को तो एक नई दिशा दी ही इसके अतिरिक्त उन्होंने बेगम अख्तर , महेंद्र कपूर , तलत महमूद , मुकेश जैसे प्रसिद्ध गायकों को रेडिओ से गवाया और यही नहीं उन्होंने हेमंत कुमार से जिला बिलासपुर की लोक गाथा “मोह्णा” को भी गवाया जो कि हर हिमाचल वासी के लिए गर्व की बात है .
उन्होंने कहा कि आज भले ही उनके गुरु भाई इस दुनियां को अलविदा कह गए हैं पर सबके दिलों पर राज करने वाले एस शशि हमेशा उनके गीतों और संगीत से हमेशा अमर रहेंगे . उन्होंने शोक संतप्त परिवार के लिए भी भगवान से प्रार्थना कि इस दुःख की घडी में इश्वर इस शोकाकुल परिवार को इस दुःख से लड़ने की हिम्मत प्रदान करें