धरती का 71% हिस्सा पानी से घिरा है, लेकिन इसका 5% से भी कम हिस्सा हमें ज्ञात है। समुद्र की 11 किलोमीटर गहराई में मौजूद रसातल क्षेत्र घने अंधकार और अत्यधिक दबाव के कारण वैज्ञानिकों के लिए भी रहस्यमय बना हुआ है। लेकिन हाल ही में अमेरिका और चिले के शोधकर्ताओं ने साउथ अमेरिका के पश्चिमी तट के अटाकामा ट्रेंच में एक अनोखी समुद्री प्रजाति की खोज की है, जिसे डल्सीबेला कमनचाका (Dulcibella camanchaca) नाम दिया गया है।
यह प्रजाति समुद्र की 7,902 किलोमीटर गहराई में पाई गई। यह शिकारी प्रवृत्ति वाला उभयपाद (amphipod) जीव है, जो अपने शिकार की तलाश में सक्रिय रहता है। आमतौर पर एम्फिपॉड जैविक अवशेषों पर निर्भर करते हैं, लेकिन यह प्रजाति अपनी अलग शिकारी आदतों के लिए जानी गई है।
D. camanchaca को 6,000 मीटर से ज्यादा गहराई वाले हडल ज़ोन में प्रलेखित पहला शिकारी एम्फिपॉड माना गया है। यह गहराई पृथ्वी के उन स्थानों में है, जिनकी अभी तक सबसे कम खोज की गई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि इस क्षेत्र का अध्ययन हमारे ग्रह के गहरे समुद्री ईकोसिस्टम को समझने और यहां तक कि अन्य ग्रहों पर जीवन की संभावनाओं को जानने में मदद कर सकता है।
शोधकर्ताओं का मानना है कि यूरोपा और एन्सेलाडस जैसे चंद्रमाओं पर गहरे समुद्रों के अस्तित्व का अध्ययन इस खोज से प्रेरित होकर किया जा सकता है। इस नई खोज ने न केवल समुद्र विज्ञान में बल्कि खगोल विज्ञान में भी नई संभावनाओं के द्वार खोल दिए हैं।