स्थानीय निधि लेखा समिति के सभापति और ज्वालामुखी विधानसभा क्षेत्र के विधायक संजय रत्न ने आज सोलन में आयोजित बैठक के दौरान कहा कि सुशासन एक सामूहिक उत्तरदायित्व है, जिसमें अधिकारियों और कर्मचारियों की महत्वपूर्ण भूमिका होती है। उन्होंने स्पष्ट किया कि समिति के समक्ष प्रस्तुत की गई जानकारी तथ्यों पर आधारित होनी चाहिए ताकि धनराशि का उचित और पारदर्शी उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
बैठक में सोलन जिला के विभिन्न विभागों, संस्थानों, निगमों और प्राधिकरणों के साथ लेखा और वित्तीय प्रबंधन से संबंधित मामलों पर विस्तार से चर्चा की गई। संजय रत्न ने बताया कि विधानसभा की समिति का उद्देश्य सही जानकारी प्राप्त कर सरकार को उचित सुझाव देना है।
समयबद्ध लेखा आपत्तियों के समाधान पर जोर
उन्होंने बताया कि पिछले चार दिनों में समिति ने शिमला, सिरमौर और सोलन जिलों का दौरा कर विभागों को लेखा आपत्तियों के समयबद्ध समाधान के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि संसाधनों का समय पर उपयोग आम जनता को सुविधाएं देने में सहायक होता है।
विभागों को दिए महत्वपूर्ण निर्देश
संजय रत्न ने अधिकारियों से कहा कि सभी लंबित लेखा आपत्तियों को शीघ्रता से निपटाया जाए और यह सुनिश्चित किया जाए कि धनराशि उचित मद पर ही खर्च हो। इसके अलावा, उन्होंने उपायुक्त सोलन को नगर परिषदों और नगर निगम से जुड़ी आपत्तियों को शीघ्र निपटाने के निर्देश दिए।
विकास कार्यों में तेजी के लिए विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने पर जोर
समिति ने नगर निगम और परिषदों को विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (DPR) जल्द तैयार कर विकास कार्यों में गति लाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही, एपीएमसी सोलन को परवाणू और सोलन की फल मंडियों में बेहतर अधोसंरचना तैयार करने के लिए कहा, ताकि बागवानों को उनके उत्पाद बेचने में सुविधा हो।
समिति सदस्यों के सुझाव और अधिकारियों की भागीदारी
बैठक में चुराह विधायक डॉ. हंस राज, ठियोग विधायक कुलदीप सिंह राठौर, और कुटलैहड़ विधायक विवेक शर्मा ने भी अपने महत्वपूर्ण सुझाव प्रस्तुत किए।
अधिकारियों ने समिति को दिया सहयोग का आश्वासन
उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने समिति का स्वागत करते हुए आश्वासन दिया कि समिति के सभी सुझावों का अक्षरशः पालन किया जाएगा। बैठक में पुलिस अधीक्षक गौरव सिंह, नगर निगम आयुक्त एकता काप्टा, और विभिन्न विभागों के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।
यह बैठक सुशासन को मजबूत करने और संसाधनों के पारदर्शी व प्रभावी उपयोग पर केंद्रित रही।