सन्तोष कालरा पिछले 52 वर्षों से हिमाचल प्रदेश की निवासी हैं । इन्होनें आई टी आई सोलन से कटिंग एवम टेलरिंग का तथा चंबाघाट से फैशन डिजाइनिंग का प्रशिक्षण लिया। ये 1979 से 2006 तक प्रशिक्षण कार्य मे रत (कटिंग, टेलरिंग एंड फैशन डिजाइनिंग टीचर) हैं तथा इन्होंने सोशल वेलफेयर सोसाइटी ऑफ रेलवे ऑफिसर्स वीमेन्स (अम्बाला मंडल ) के द्वारा चलाये गए सिलाई व कढ़ाई प्रशिक्षण केंद्र में न सिर्फ बतौर समाजसेविका प्रशिक्षण प्रदान किया अपितु गरीब महिलाओं को सरकारी योजनाओं के तहत निःशुल्क सिलाई एवम कटाई का प्रशिक्षण तथा कम ब्याज पर बैंक लोन दिलवा कर स्वावलंबी बनाने में भी सक्रिय भूमिका निभाई। ये रेडक्रास की वाईस पैटर्न व इनरव्हील क्लब की सदस्या हैं । लेखन इनका शौक है तथा रेडक्रास व काव्य कार्नर की पत्रिकाओं तथा कुछ काव्य संग्रहों में इनके कई लेख एवम कविताऐं प्रकाशित हुए हैं। ये हिमाचल दर्शन, काव्य कार्नर, हिमाचल फिल्म सिनेमा, गुंजन रेडियो लाइव तथा भाषा विभाग की मासिक गोष्ठी में सक्रिय भाग लेती हैं। 

इनकी प्रमुख उपलब्धियों में लघु फ़िल्म “बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ” में निभाया गया दादी का किरदार, राष्ट्रीय कवि संगम में राम महिमा काव्य पाठ तथा विभिन्न फैंसी ड्रेस प्रतियोगिताओं में जीते पुरस्कार शामिल हैं। इन्हें काव्य कार्नर फाउंडेशन द्वारा शिक्षक दिवस पर सम्मानित किया गया तथा महिला साहित्यकार बिलासपुर एवम चम्बा इकाई द्वारा काव्य पाठ के लिए  सम्मानित किया गया किया गया । अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस-2023 के अवसर पर साहित्य के लेखन और प्रसार-प्रचार में उत्कृष्ट योगदान के लिए राष्ट्रीय कवि संगम के राज्य स्तरीय “भाषा सम्मान” के लिए भी चयनित किय  गया। इसी वर्ष 18 जून को नव उदय प्रकाशन द्वारा आयोजित विश्व प्रसिद्ध नव उदित सम्मान से संतोष  कालरा जी को सम्मानित किया गया 

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