सशस्त्र सेना झण्डा दिवस:
7 दिसंबर का दिन भारत के वीर जवानों और शहीदों के प्रति सम्मान प्रकट करने का अवसर है। सशस्त्र सेना झण्डा दिवस का उद्देश्य शहीदों, युद्ध विधवाओं, अपंग सैनिकों और पूर्व सैनिकों के परिजनों की सहायता के लिए धन एकत्र करना है।

इतिहास और महत्व:
सशस्त्र सेना झण्डा दिवस की शुरुआत 28 अगस्त 1949 को तत्कालीन रक्षा मंत्री के अधीन गठित एक समिति द्वारा की गई थी। यह दिन हर साल 7 दिसंबर को मनाने का निर्णय लिया गया। यह दिन न केवल हमारी सेना के बलिदानों की याद दिलाता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि देशवासियों का कर्तव्य है कि वे सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए प्रयास करें।

इस वर्ष का उत्सव:
2024 में देश 75वां सशस्त्र सेना झण्डा दिवस मना रहा है। इस अवसर पर उप निदेशक सैनिक कल्याण सोलन, कर्नल (सेवानिवृत्त) सुरेश कुमार अग्निहोत्री ने सभी से आग्रह किया है कि इस पावन दिन पर उदारतापूर्वक योगदान दें। उन्होंने कहा कि यह हमारा नैतिक कर्तव्य है कि हम उन वीर सैनिकों के परिवारों और जरूरतमंदों की सहायता करें, जिन्होंने हमारी रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी।

योगदान कैसे करें?
इस नेक कार्य में भाग लेने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के निम्नलिखित खाते में योगदान किया जा सकता है:

  • बैंक खाता संख्या: 55080128597
  • आईएफएस कोड: SBIN0050127

सशस्त्र सेना झण्डा दिवस का उद्देश्य:

  1. शहीदों के परिवारों को सहायता प्रदान करना।
  2. युद्ध में अपंग हुए सैनिकों के पुनर्वास में मदद करना।
  3. पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के लिए धन संग्रह करना।

सैनिकों के प्रति हमारा कर्तव्य:
सशस्त्र बल हमारे देश की रक्षा के लिए हर समय तत्पर रहते हैं। यह दिन हमें उनकी वीरता और बलिदान को सम्मानित करने का अवसर देता है। सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के माध्यम से हम अपने सैनिकों और उनके परिवारों की जरूरतों को पूरा करने में मदद कर सकते हैं।

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