हिमाचल प्रदेश के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण, सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा सैनिक कल्याण मंत्री कर्नल डॉ. धनीराम शांडिल ने कहा कि सायरीघाट को ईको पर्यटन, धार्मिक पर्यटन और ग्रामीण पर्यटन के दृष्टिकोण से विकसित किया जाएगा। उन्होंने सोलन ज़िले के कण्डाघाट उपमंडल में स्थित इस क्षेत्र का निरीक्षण करते हुए अधिकारियों को पर्यटन परियोजना का रेखाचित्र तैयार करने और सभी औपचारिकताओं को शीघ्र पूरा करने के निर्देश दिए।

पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किए जाने वाले सायरीघाट की 209 बीघा भूमि को पर्यावरण अनुकूल पर्यटन गतिविधियों के लिए उपयोग में लाया जाएगा। डॉ. शांडिल ने कहा कि यह परियोजना न केवल क्षेत्र के पर्यटन को बढ़ावा देगी, बल्कि युवाओं को स्वरोजगार के नए अवसर प्रदान करेगी।

हिमाचल प्रदेश पर्यटन विकास निगम के अध्यक्ष आर.एस. बाली भी इस अवसर पर उपस्थित रहे। उन्होंने कहा कि ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देना प्रदेश सरकार की प्राथमिकता है। इससे पर्यटक हिमाचल प्रदेश की समृद्ध संस्कृति और परंपराओं से रूबरू हो सकेंगे।

इस अवसर पर ग्रामीणों की समस्याओं को भी सुना गया। ग्राम पंचायत सायरी की प्रधान अंजू राठौर और अन्य जनप्रतिनिधियों ने अपनी बातें मंत्री के सामने रखीं। कार्यक्रम में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सुंदर सिंह जसवाल, बीडीसी सदस्य हेमा तन्वर, उपमंडलाधिकारी कण्डाघाट सिद्धार्थ आचार्य, और अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

प्रदेश सरकार का यह कदम क्षेत्रीय विकास और रोजगार सृजन के लिए एक महत्वपूर्ण पहल है।

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