प्रदेश सरकार द्वारा पहली से 12वीं कक्षा के लिए बनाए जाने वाले नए निदेशालय को लेकर राजकीय प्राथमिक शिक्षक संघ ने विरोध जताया है। शिक्षक संघ ने इस निर्णय पर असहमति जताते हुए सरकार से मांग की है कि हैड टीचर और सैंट्रल हैड टीचर की वर्तमान शक्तियां प्रभावित न हों। इस मुद्दे को लेकर 16 फरवरी को स्टेट लेवल बैठक आयोजित होगी, जिसमें जिला कार्यकारिणी से मिले सुझावों पर चर्चा कर ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा।
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शिक्षकों ने प्राथमिक स्कूलों की कार्यप्रणाली को यथावत बनाए रखने की मांग की है। हाल ही में हुई बैठक में इस विषय पर चर्चा की गई थी, जहां शिक्षकों ने अपनी आपत्ति दर्ज कराई। बताया जा रहा है कि प्रस्तावित निदेशालय में चार अलग-अलग विंग होंगे, और इसका नेतृत्व एक प्रशासनिक अधिकारी करेगा।
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इस मामले पर सरकार ने शिक्षकों से सुझाव मांगे हैं और हाल ही में एक बैठक भी आयोजित की गई थी। शिक्षा सचिव ने शिक्षकों को आश्वासन दिया कि इस वर्ष कम संख्या वाले प्राथमिक स्कूलों को बंद नहीं किया जाएगा। शिक्षकों ने लंबे समय से इस मुद्दे पर विरोध जताया था, जिसके बाद सरकार ने हाई और सीनियर सेकेंडरी स्कूलों के विलय पर भी पुनर्विचार करने की बात कही है।
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अब सभी की निगाहें 16 फरवरी को होने वाली बैठक पर टिकी हैं, जिसमें शिक्षकों के सुझावों को संकलित कर सरकार को प्रस्तुत किया जाएगा। शिक्षकों को उम्मीद है कि सरकार उनकी मांगों पर विचार करेगी और नया निदेशालय स्कूलों की कार्यप्रणाली पर नकारात्मक प्रभाव नहीं डालेगा।