शिमला के संकट मोचन मंदिर में रविवार को टोर की हरी पत्तल पर भंडारा वितरित करने की नई व्यवस्था की शुरुआत की गई। इस पहल के तहत श्रद्धालुओं को पत्तल पर भंडारा ग्रहण करने की सुविधा प्रदान की गई, जिसके प्रति लोगों में उत्साह देखने को मिला।

डीसी अनुपम कश्यप की घोषणा

जिला कलेक्टर अनुपम कश्यप ने इस नई व्यवस्था की जानकारी देते हुए कहा कि यह शहर का दूसरा मंदिर है जहां टोर के पत्तल पर भंडारा परोसा जा रहा है। इसके पहले, तारादेवी मंदिर में 14 जुलाई 2024 से इसी प्रकार की व्यवस्था की शुरुआत की गई थी। अब संकट मोचन मंदिर में इस पद्धति को अपनाया गया है और इसके बाद जाखू मंदिर में भी इसी तरह की व्यवस्था शुरू की जाएगी।

सक्षम क्लस्टर लेवल फेडरेशन की भूमिका

इस नई पहल के लिए जिम्मा सक्षम क्लस्टर लेवल फेडरेशन बसंतपुर को सौंपा गया है, जो राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन के तहत सुन्नी खंड में काम कर रहे हैं। सक्षम फेडरेशन ने संकट मोचन मंदिर के लिए 4000 पत्तल तैयार की हैं। यह पत्तल ग्रामीण विकास और स्वयं सहायता समूहों को रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने की दिशा में प्रयास

डीसी अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला प्रशासन की योजना सभी मंदिरों में पत्तल पर भंडारा परोसने की है। इससे न केवल श्रद्धालुओं को सुविधा मिलेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती मिलेगी। प्रशासन द्वारा यह कदम ग्रामीण विकास को बढ़ावा देने और रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

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