सियाचिन ग्लेशियर, जिसे दुनिया का सबसे ऊंचा युद्धक्षेत्र कहा जाता है, अब आधुनिक तकनीक का गवाह बन चुका है। रिलायंस जियो ने भारतीय सेना के सहयोग से सियाचिन में 4G और 5G नेटवर्क की शुरुआत की है। यह कदम भारतीय सैनिकों को बेहतर संचार सुविधा देने के साथ उनकी मानसिक स्थिति को मजबूत करने में सहायक होगा।
इतिहास रचता सियाचिन ग्लेशियर
16,000 फुट से अधिक ऊंचाई वाले सियाचिन ग्लेशियर पर यह पहली बार है जब किसी टेलीकॉम कंपनी ने 5G नेटवर्क स्थापित किया है। सर्दियों में यहां तापमान -50 डिग्री सेल्सियस तक गिर सकता है, और इस कठिन जलवायु में इंटरनेट कनेक्टिविटी सुनिश्चित करना एक बड़ी उपलब्धि है।
स्वदेशी तकनीक का उपयोग
रिलायंस जियो ने इस परियोजना में अपनी स्वदेशी 5G तकनीक का उपयोग किया है। कंपनी ने “प्लग-एंड-प्ले प्री-कॉन्फ़िगर” उपकरण तैनात किए, जिन्हें भारतीय सेना की मदद से सियाचिन की अग्रिम चौकियों तक पहुंचाया गया। इन उपकरणों की स्थापना में सेना के सिग्नल कर्मियों ने सक्रिय भूमिका निभाई।
सैनिकों के लिए क्या बदल रहा है?
इस नई सुविधा से सैनिकों को बेहतर संचार सुविधा मिलेगी। अब वे अपने परिवार से जुड़े रह सकेंगे, जिससे मानसिक शांति मिलेगी। साथ ही, यह नेटवर्क चिकित्सा सहायता, आपातकालीन स्थिति, और सुरक्षा मामलों में तेजी से जानकारी के आदान-प्रदान में मदद करेगा।
भारतीय सेना और जियो की साझेदारी
भारतीय सेना और जियो की इस साझेदारी ने सियाचिन जैसे दुर्गम क्षेत्र में कनेक्टिविटी स्थापित कर एक मिसाल कायम की है। सेना ने न केवल उपकरणों को सही जगह तक पहुँचाया, बल्कि उनके सेटअप और परीक्षण में भी सहायता की।
भविष्य की संभावनाएं
सियाचिन में 4G और 5G नेटवर्क की शुरुआत सिर्फ एक शुरुआत है। यह पहल अन्य दुर्गम क्षेत्रों में भी उच्च गति इंटरनेट सेवा के विस्तार के लिए प्रेरणा बनेगी।