उपायुक्त मनमोहन शर्मा ने विश्व क्षय रोग दिवस के अवसर पर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग द्वारा आयोजित टीबी मुक्त ग्राम पंचायत पुरस्कार समारोह की अध्यक्षता की। इस मौके पर सोलन जिले की 35 ग्राम पंचायतों को टीबी मुक्त घोषित कर सम्मानित किया गया।
उपायुक्त ने कहा कि टीबी का पूर्ण इलाज संभव है, यदि समय पर परीक्षण और दवाइयों का सही तरीके से सेवन किया जाए। उन्होंने बताया कि सरकार टीबी मरीजों को निःशुल्क दवाइयां और हर माह 1000 रुपये का पोषण भत्ता भी दे रही है।
इस समारोह में सोलन जिले की 35 पंचायतों को केंद्र सरकार के मानकों के अनुसार टीबी मुक्त घोषित किया गया। इनमें से 11 पंचायतों को महात्मा गांधी की रजत प्रतिमा, जबकि 24 पंचायतों को कांस्य प्रतिमा एवं प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया गया।
नीचे दिए गए विडियो को एक बार ज़रूर देखें :
रजत प्रतिमा से सम्मानित पंचायतें:
कुनिहार: भूमती, डुमैहर, मान, मांगल, पलानिया
धर्मपुर: भागुडी
नालागढ़: बहेड़ी, धरमाणा
कंडाघाट: कनैर, ममलीग, सैंज
कांस्य प्रतिमा से सम्मानित पंचायतें:
कुनिहार: बेरल, गनागुघाट, खनलग, पलोग, पारनु, पट्टा, शहरोल, सूरजपुर
धर्मपुर: गोयला, कृष्णगढ़, गढ़खल सनावर, कोट
सोलन: सेर बनेरा
नालागढ़: चमदार, डोली, क्यार कनैता, कोहू, लूनस, सौर
कंडाघाट: बांजनी, नगाली, पौधना, रेहड, सतडोल
यह भी पढ़ें : हिमाचल में फिर बदलेगा मौसम, स्टोन फ्रूट किसानों के लिए चिंता बढ़ी
उपायुक्त ने बताया कि प्रदेश सरकार का लक्ष्य 2025 तक हिमाचल को टीबी मुक्त बनाना है। उन्होंने पंचायत प्रतिनिधियों से जागरूकता अभियान चलाने और नागरिकों को नियमित जांच कराने के लिए प्रेरित करने का आग्रह किया।
इस अवसर पर स्वास्थ्य विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारी मौजूद रहे। अंत में, सभी को ‘टीबी मुक्त भारत’ की शपथ दिलाई गई।