स्पैल वैली के दलगांव में शनिवार को देव परंपरा के अनुसार बेड़ा आरोहण का विशेष आयोजन किया गया। आयोजन के तहत बेड़ा (सूरत राम) को देवता की पालकी में बिठाकर मंदिर परिसर तक ले जाया गया। इस दौरान हज़ारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।

आयोजन स्थल पर सुबह से ही श्रद्धालुओं का जमावड़ा शुरू हो गया था। ठीक दोपहर 12:30 बजे रस्से पर बेड़ा को खाई पार कराना शुरू हुआ। विशेष घास से बने तीन इंच मोटे रस्से (बरूत) का उपयोग किया गया। इस दौरान रस्सा टूटने की घटना से माहौल में सन्नाटा छा गया। लेकिन आयोजन समिति ने तत्परता दिखाते हुए खंभों को नजदीक लगाकर रस्से की दूरी कम की और बेड़ा आरोहण को सुरक्षित पूरा किया।

शाम 5:46 बजे सूरत राम को सकुशल नीचे उतारा गया। नीचे पहुंचते ही श्रद्धालुओं में उनके माथे पर बंधे पंचरत्न को लेने की होड़ मच गई। इसके बाद उन्हें देवता की पालकी में बिठाकर नाचते-गाते मंदिर परिसर तक पहुंचाया गया। लोगों ने नकद राशि भेंट कर श्रद्धा प्रकट की।

इस अनुष्ठान में बजरेट कोटी के ठाकुर और देवता महेश्वर के खूंदों ने रस्से को बांधने और व्यवस्था बनाए रखने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। श्रद्धालुओं ने पूरे आयोजन के दौरान देवताओं के जयकारे लगाए और अपनी आस्था व्यक्त की।

आयोजन की समाप्ति पर समिति के वरिष्ठ सदस्य ने इसे देव आशीर्वाद मानते हुए कहा कि यह परंपरा हमारे धार्मिक और सांस्कृतिक मूल्यों का प्रतीक है।

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सुनवाई

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