राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई, राजकीय महाविद्यालय अर्की में राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा सम्मेलन कक्ष में एक विशेष व्याख्यान कार्यक्रम आयोजित किया गया। जानकारी देते हुए एनएसएस प्रभारी डॉ श्रवण कुमार ने बताया कि इस कार्यक्रम में इकाई के सभी स्वयं सेवियों ने भाग लिया। इस मौके पर नोबेल शांति पुरस्कार से सम्मानित तिब्बती आध्यात्मिक गुरु परमपावन दलाई लामा जी के आधिकारिक हिंदी अनुवादक तथा अभिधम्म के विद्वान शोधार्थी कैलाश चन्द्र बौद्ध द्वारा “मानव सेवा के सन्दर्भ में परमपावन दलाई लामा जी की चार प्रतिबद्धतायें” विषय पर व्याख्यान दिया गया। उन्होंने बताया कि परमपावन जी की पहली प्रतिबद्धता सम्पूर्ण विश्व में मानव मूल्यों, प्रेम, करूणा, अहिंसा आदि गुणों का प्रसार कर विश्व शांति व सुखी मानव जीवन के प्रति योगदान दे ना है। दूसरी प्रतिबद्धता एक भिक्षु के नाते सम्पूर्ण विश्व धर्म समुदाय में परस्पर प्रेम और सौहार्द कायम रखना है। तीसरी प्रतिबद्धता स्वयं एक तिब्बती होने के नाते तिब्बती कला, संस्कृति व भाषा का संरक्षण व सम्वर्द्धन करना है। चोथी प्रतिबद्धता प्राचीन भारतीय ज्ञान परम्परा अर्थात नालन्दा विश्वविद्यालय से विश्व का मार्गदर्शन करने वाली अकादमिक परम्परा का प्रचार व प्रसार करना। स्वयं सेवियों द्वारा इस अवसर पर परमपावन दलाई लामा जी के जीवन व उनके सत्य, अहिंसा व सेवा भाव के प्रति दृढ़ संकल्प और तिब्बती बौद्ध दर्शन पर उनसे संवाद-परिसंवाद के माध्यम से विभिन्न प्रश्न भी किए गए

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