भारत में कई मंदिर हैं, लेकिन कुछ ऐसे हैं जो रहस्यमयी और चमत्कारी माने जाते हैं। तेलंगाना के हनुमाकोंडा स्थित श्री लक्ष्मीनरसिंहस्वामी मंदिर भी ऐसा ही एक अद्भुत स्थल है।
यह मंदिर हनुमद्गिरी पहाड़ी पर स्थित है और यहां भगवान विष्णु के चौथे अवतार, नरसिंहस्वामी का स्वयंभू रूप में वास माना जाता है। भक्तों का कहना है कि मंदिर में प्रवेश करते ही एक अजीब गर्माहट महसूस होती है, जो भगवान की मौजूदगी का संकेत देती है। इतना ही नहीं, कई लोगों ने यहां भगवान की सांसों की ध्वनि तक सुनने का दावा किया है!
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मंदिर की गुफा के भीतर एक चमत्कारी जलकुंड है, जिसका जलस्तर कभी नियंत्रित रूप से घटता-बढ़ता है लेकिन कभी सूखता नहीं। मान्यता है कि इस पवित्र जल से भगवान का अभिषेक करने से सभी समस्याओं का समाधान होता है।
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मंदिर की गुफा में प्रवेश करने के लिए भक्तों को झुककर जाना पड़ता है, जो भगवान के प्रति श्रद्धा को दर्शाता है। यह भी कहा जाता है कि जब इस गुफा की चट्टानों को काटने की कोशिश की गई तो खून निकलने लगा, जिसके बाद इसे छोड़ दिया गया।
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सबसे दिलचस्प बात यह है कि इस मंदिर में एक विशाल सांप भी देखा जाता है, जिसे भगवान नरसिंहस्वामी का रक्षक माना जाता है। भक्तों का मानना है कि यह नाग केवल भगवान की सेवा में रहता है और किसी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाता।
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हनुमाकोंडा का श्री लक्ष्मीनरसिंहस्वामी मंदिर सिर्फ एक पूजा स्थल ही नहीं, बल्कि चमत्कारों और दिव्य ऊर्जा का केंद्र भी है। अगर आप भी भगवान नरसिंहस्वामी की कृपा और उनके चमत्कारों का अनुभव करना चाहते हैं, तो इस मंदिर की यात्रा अवश्य करें!