उपमंडल अर्की में इनदिनों गुगा जाहर पीर जी का गुणगान किया जा रहा है। अर्की के वार्ड नं 3 में पंजाब के नवां शहर की हंस कव्वाल एन्ड पार्टी द्वारा गुगा जाहर पीर जी का गुणगान करके उनकी जीवनी का व्यख्यान भजनों के माध्यम से किया गया। जिसको उपस्थितजनों द्वारा एकाग्रता से ग्रहण किया गया।
पार्टी के मुख्य महेंद्र हंस कव्वाल ने जानकारी देते हुए बताया कि सावन महीने में रक्षाबन्दन से इसकी शुरुआत होती है और कृष्ण अष्टमी पर इसका समापन किया जाता है। उन्होंने गुगा जाहर पीर जी के बारे में बताया कि राजस्थान में बागड़ शहर में राजा जैमल सिंह के दो पत्नियां थी, बड़ी काश्ल और छोटी बासल दो बहनें, जिनके कोई भी औलाद नहीं थी। इनके क्षेत्र में गुरु गोरखनाथ जी आए हुए थे। उनके पास काशल औलाद की फरियाद लेकर पहुंची लेकिन गुरु ने उन्हें दूसरे दिन आने के लिए कहा। इसके बारे में छोटी बहन ने बड़ी बहन को बता दिया। बड़ी बहन ने दूसरे दिन अपनी छोटी बहन को धोखा देकर गुरु गोरखनाथ के पास पहुंच गई और उनसे औलाद के लिए वरदान मांगा। गुरु ने उन्हें दो जो के दाने दिए। जिससे उन्हें 2 पुत्रों की प्राप्ति हुई। जब छोटी बहन गुरु गोरखनाथ जी के पास पुत्र प्राप्ति के लिए वरदान पाने पहुंची तो उन्होंने कहा कि तुम कल ही तो वरदान ले चुकी हो अब तुम्हें नहीं दिया जाएगा। कुछ समय बीतने के बाद गुरु गोरखनाथ जी को छोटी बहन पर दया आ गई। उन्होंने शिव भगवान से गूगल लाए और उसे दे दिया। गूगल से गुगा जाहर पीर महाराज ने जन्म लिया है। उन्होंने बताया कि तभी से चारोंकुटे इनको मानती है तो आज वह इसी का गुणगान करने अर्की पहुंचे है।