Income Tax विभाग ने ITR भरने के लिए वित्तवर्ष समाप्त होने से 3 महीने पहले ही फॉर्म जारी कर दिया है. विभाग ने इस बार भी रिटर्न भरने के लिए फॉर्म में बड़ा बदलाव किया है. लिहाजा करदाताओं को आईटीआर फॉर्म चुनते समय और अपना रिटर्न दाखिल करते समय काफी सावधानी बरतनी होगी.
विभाग ने कहा है कि चालू वित्तवर्ष से नए टैक्स रिजीम को डिफॉल्ट बना दिया गया है. इसका मतलब है कि करदाताओं के टैक्स की गणना नए रिजीम के आधार पर ही की जाएगी. अगर उन्हें पुराना रिजीम चुनना है तो इसके लिए बाकायदा विकल्प का नए सिरे से चुनाव करना होगा. अगर कोई करदाता रिजीम नहीं चुनता है तो फिर उसके टैक्स की गणना नए टैक्स रिजीम के हिसाब से ही की जाएगी.
टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि नौकरीपेशा के लिए खासतौर से जारी किया गया ITR फॉर्म 1 को डिफॉल्ट रूप से नए रिजीम से जोड़ दिया गया है. इसका मतलब है कि अगर किसी करदाता को टैक्स बचत का फायदा उठाना है तो उसे पुराने रिजीम को चुनना पड़ेगा. आपने बीमा खरीदा है या 80सी के तहत निवेश किया है तो टैक्स छूट पाने के लिए नए विकल्प को छोड़ना पड़ेगा.