हिमाचल प्रदेश के शिमला जिले के ठियोग उपमंडल में पेयजल आपूर्ति घोटाले का मामला सामने आया है। इसमें जल शक्ति विभाग के 10 अधिकारियों को सस्पेंड किया गया है। निलंबित अधिकारियों में 2 अधिशासी अभियंता, 3 सहायक अभियंता, 4 कनिष्ठ अभियंता और 1 सेवानिवृत्त अभियंता शामिल हैं।
हैरानी की बात यह है कि सस्पेंड की गई सूची में एक मृत अधिकारी का नाम भी शामिल है। इन सभी अधिकारियों को विभागीय मुख्यालय में अटैच कर दिया गया है। साथ ही, मामले से जुड़े ठेकेदारों को ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने दिए सख्त आदेश
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने इस घोटाले को गंभीरता से लेते हुए अधिकारियों की बैठक बुलाई और सस्पेंशन के आदेश जारी किए। उन्होंने बताया कि मामले की जांच जारी है और जल शक्ति विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
टैंकर आपूर्ति में बड़ा फर्जीवाड़ा
पिछले साल गर्मियों में टैंकर से पेयजल आपूर्ति के नाम पर लाखों रुपये का घोटाला सामने आया। घोटाले में जिन वाहनों के नंबर बताए गए, उनमें मोटरसाइकिल, कारें और एक सरकारी गाड़ी तक शामिल थी। आश्चर्यजनक रूप से, कुछ गांवों में टैंकरों से पानी की आपूर्ति दर्शाई गई जहां सड़कें तक नहीं हैं।
निलंबित अधिकारियों की सूची
- अधिशासी अभियंता: अशोक कुमार भोपाल (मतियाना मंडल), बसंत सिंह (कसुम्पटी मंडल)
- सहायक अभियंता: प्रणीत ठाकुर (मतियाना मंडल), राकेश कुमार (कोटी उपमंडल), विकेश शर्मा (ठियोग मंडल)
- कनिष्ठ अभियंता: मस्त राम ब्राक्टा (ठियोग मंडल), सुरेश कुमार (लाफूघाटी उपमंडल), नीम चंद (मतियाना मंडल), सुनील कुमार (धरेच ठियोग मंडल)
- सेवानिवृत्त कनिष्ठ अभियंता: सुदर्शन