हिमाचल प्रदेश के जिला शिमला के ठियोग क्षेत्र में जल शक्ति विभाग की सिंचाई योजना एक बार फिर विवादों में घिर गई है। क्यार और कमाह पंचायतों के दर्जनों गांवों के लिए बनाई गई तीन करोड़ रुपये की सिंचाई योजना में पानी छोड़ने के ट्रायल के दौरान पांच इंच के पाइप फट गए, जिससे पानी बर्बाद हो गया।
स्थानीय कांग्रेस नेता अमित मेहता ने पाइपों की निम्न गुणवत्ता की शिकायत एसडीएम ठियोग को दी थी। एसडीएम मुकेश शर्मा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए अधिशासी अभियंता बसंत सिंह राठौर को जांच के निर्देश दिए।
गौरतलब है कि इसी क्षेत्र में पहले भी पानी सप्लाई घोटाले के कारण एक अधिशासी अभियंता को निलंबित किया जा चुका है। अब सिंचाई योजना के इस नए मामले के बाद कसुम्पटी और मतियाना डिवीजन की अन्य योजनाएं भी जांच के दायरे में आ गई हैं।
पूर्व जल शक्ति मंत्री विद्या स्टोक्स के कार्यकाल में शुरू की गई इस योजना का उद्देश्य हजारों किसानों के खेतों तक पानी पहुंचाना था। चीफ इंजीनियर जोगेंद्र चौहान ने कहा है कि पाइप फटने के कारणों की जांच की जाएगी और सोमवार को इस पर रिपोर्ट ली जाएगी।