6 दिसंबर 2024 को विवाह पंचमी का त्योहार पूरे श्रद्धा और उल्लास के साथ मनाया जाएगा। हिंदू धर्म के अनुसार, यह वह शुभ तिथि है जब प्रभु श्रीराम और माता सीता विवाह के बंधन में बंधे थे। यह दिन मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को मनाया जाता है। इस दिन भगवान राम और माता सीता की विधिवत पूजा करने से सुखी वैवाहिक जीवन का आशीर्वाद मिलता है।
भगवान राम और माता सीता को भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का अवतार माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, विवाह पंचमी पर पूजा-अर्चना से न केवल विवाहित जीवन में मिठास आती है बल्कि अविवाहित लोगों के लिए यह दिन विशेष फलदायी होता है। जिनकी शादी में देरी हो रही है, उन्हें इस दिन सच्चे मन से प्रभु श्रीराम और मां सीता की आराधना करनी चाहिए।
विवाह पंचमी पर भोग लगाने के लाभ
1. पंचामृत का भोग:
भगवान विष्णु को पंचामृत का भोग अत्यंत प्रिय है। दूध, दही, घी, शहद, और चीनी से बने पंचामृत को भगवान राम और माता सीता को अर्पित करें। मान्यता है कि ऐसा करने से पति-पत्नी के रिश्ते में प्रेम और समर्पण बढ़ता है।
2. फल अर्पण करें:
इस दिन बैर, केला, सीताफल और खीर का भोग लगाना शुभ माना जाता है। खीर का भोग लगाने से दांपत्य जीवन में सुख-समृद्धि आती है और धन संबंधी परेशानियां दूर होती हैं।
3. केसर भात:
विवाह पंचमी पर भगवान राम और मां जानकी को केसर भात का भोग लगाने से परिवार में सुख-शांति और संपन्नता का वास होता है। पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता बनी रहती है।
पूजा विधि
- प्रातःकाल स्नान कर स्वच्छ वस्त्र धारण करें।
- घर में पूजा स्थल पर भगवान राम और मां सीता की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें।
- धूप, दीप, अक्षत, फूल, और भोग सामग्री अर्पित करें।
- रामचरितमानस या रामायण का पाठ करें।
- आरती कर सभी परिजनों के साथ प्रसाद ग्रहण करें।
अविवाहितों के लिए विशेष उपाय
जिन लोगों की शादी में देरी हो रही है, वे विवाह पंचमी के दिन सच्चे मन से माता सीता और भगवान राम से प्रार्थना करें। साथ ही, मंदिर जाकर विशेष पूजा-अर्चना करें। यह उपाय जल्द विवाह के योग बनाने में सहायक होता है।
उपसंहार
विवाह पंचमी न केवल धार्मिक आस्था का पर्व है, बल्कि यह सुखी वैवाहिक जीवन और परिवार की खुशहाली का प्रतीक भी है। इस दिन भगवान राम और मां सीता की पूजा-अर्चना कर उनके आशीर्वाद से अपने जीवन को सुखमय बनाएं।
Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं आपका चैनल न्यूज़ इसकी सत्यता का प्रमाण नहीं देता । इसका कोई भी वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है