भाजपा शिमला जिला से 1 सीट पर ही सिमट कर रह गई है, सोलन जिला में भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ है। कांगड़ा जिला में भाजपा केवल 4 सीटें ही ले पाई है। ऊना जिला में भी भाजपा की हालत पतली रही यहां केवल 1 सीट ही निकल पाई। अब यह हमीरपुर जिला है जो केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर और पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल का गृह क्षेत्र है मगर यहां भी भाजपा का सूपड़ा साफ हुआ।
सिरमौर ने भाजपा की थोड़ी जान बचाई यहां केवल 2 सीटें ही भाजपा को मिली है। चंबा जिला की बात की जाए तो यहां भाजपा को 3 सीटें मिली हैं। बिलासपुर जिला में भी 3, कुल्लू में 2 सीटें भाजपा को मिली हैं। मंडी जिला से भाजपा 9 सीटें लेने में कामयाब हुई है। लाहौल स्पीति और किन्नौर जिला की बात की जाए तो यहां भाजपा का पूरी तरह सूपड़ा साफ हुआ है।
कांग्रेस सिरमौर जिला की बात करें तो यहां कांग्रेस 3 सीट निकालने में कामयाब हुई है। हमीरपुर से 4 तो एक सीट यहां भी आजाद उम्मीदवार निकाल ले गया है। ऊना जिला में 4 सीटें। सोलन जिला में चार जबकि एक सीट आजाद उम्मीदवार को यहां मिली है। राजधानी शिमला जिला की बात की जाए तो यहां कांग्रेस ने 8 में से 7 सीटें निकालकर रुतबा कायम किया है। इसी प्रकार डिसाइडिंग जिला कांगड़ा से कांग्रेस 10 सीट लेने में कामयाब हुई है।
इसी प्रकार किन्नौर की मात्र 1 सीट लाहौल स्पीति की एक सीट कांग्रेस के खाते में गई हैं। कुल्लू जिला की 4 सीटों में दो कांग्रेस के खाते में। इसी प्रकार मंडी जो कि मुख्यमंत्री रहे जयराम ठाकुर का गृह क्षेत्र है यहां से कांग्रेस 10 में से केवल 1 सीट ले पाने में कामयाब हुई है। बिलासपुर जिला की 4 सीटों में से कांग्रेस के खाते में सिर्फ एक गई है। चंबा जिला की बात की जाए तो यहां 5 सीटों में से 2 सीटें ही कांग्रेस को मिल पाई है। इस प्रकार कांग्रेस ने पूरे प्रदेश में 40 सीटें लेने का रिकॉर्ड बनाया है।