शिक्षा मन्त्री गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 21वीं सदी की आवश्यकताओं के अनुरूप शिक्षा को सर्व सुलभ बनाकर भारत को ज्ञान की वैश्विक महाशक्ति के रूप में स्थापित करेगी। गोविन्द सिंह ठाकुर आज यहां राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर विभिन्न हितधारकों के साथ परामर्श एवं संवाद के लिए आयोजित कार्यशाला की अध्यक्षता कर रहे थे।
इस कार्यशाला का आयोजन स्टार्स (स्टेªन्थनिंग टीचिंग-लर्निंग एण्ड रिजल्टस फाॅर स्टेट्स) परियोजना के तहत किया गया।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के विषय में सभी हितधारकों को पूर्ण जानकारी प्रदान कर उनके सुझाव आमन्त्रित करने के लिए इस तरह की कार्यशालाएं आयोजित की जा रही हैं। यह प्रदेश की ऐसी चैथी कार्यशाला है। इससे पूर्व प्रदेश के कांगड़ा, कुल्लू एवं मण्डी जिलों में ऐसी कार्यशालाएं आयोजित की जा चुकी हैं।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 ऐसी प्रथम शिक्षा नीति है जिसे देशभर में परामर्श की सघन प्रक्रिया के उपरान्त तैयार किया गया है। उन्होंने कहा कि देश में 2.5 लाख ग्राम पंचायतों, 6600 विकास खण्डों, 06 हजार स्थानीय शहरी निकायों तथा 676 जिलों से प्राप्त लगभग 02 लाख से अधिक सुझावों को इस नीति में स्थान दिया गया है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 शिक्षा के सार्वभौमिकरण के लक्ष्य को आत्मसात करने की दृष्टि से कार्यान्वित की जाएगी। नीति के अन्तर्गत कम से 5वीं कक्षा तक मातृ भाषा में पढ़ाई पर बल दिया जाएगा।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 का लक्ष्य प्रत्येक बच्चे को शिक्षा के माध्यम से उत्कृष्टता प्राप्त करने का अधिकार प्रदान करना है। उन्होंने का कि इस नीति के विभिन्न उद्देश्यों की प्राप्ति के लिए शिक्षकों के प्रशिक्षण पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।
उन्होंने कहा कि प्रदेश को राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 से समग्र रूप से लाभान्वित करने और सभी हितधारकों के सुझावों के क्रियान्वयन के लिए ही कार्यशाला आयोजित की गई है। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में आयोजित होने वाली कार्यशालाओं में प्रस्तुत सुझावों को राज्य स्तर पर साझा कर कार्य योजना तैयार की जाएगी। इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए कार्यशाला में अध्यापकों के साथ-साथ अभिभावक, शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संगठन, निर्वाचित प्रतिनिधि एवं छात्रों को आमन्त्रित किया गया है।
गोविन्द सिंह ठाकुर ने कहा कि यह हम सभी के लिए प्रसन्नता का विषय है कि विश्व बैंक के सहयोग से केन्द्र सरकार ने हिमाचल सहित देश के 06 राज्यों के लिए स्टार्स (स्टेªन्थनिंग टीचिंग-लर्निंग एण्ड रिजल्टस फाॅर स्टेट्स) परियोजना स्वीकृत की है। यह परियोजना विद्यालयों में मूल्यांकन प्रणाली में सुधार करने तथा सभी को समान शिक्षा सुनिश्चित बनाने की दिशा में कारगर सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि परियोजना के तहत हिमाचल प्रदेश में अगले 05 वर्षों में निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए 650 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य के सरकारी विद्यालयों को स्मार्ट स्कूल बनाने की दिशा में कार्यरत हैं।
शिक्षा मंत्री ने सभी हितधारकों से आग्रह किया कि शिक्षण प्रणाली एवं समान शिक्षा की दिशा में समरूपता लाने वाली राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सन्दर्भ में खुलकर अपने सुझाव प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति बेरोजगारी कम करने में सहायक सिद्ध होगी। ऐसा प्रयास किया जाएगा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 को लागू करने वाला हिमाचल देश का पहला राज्य बनें।
उन्होंने सभी हितधारक समूहों के साथ विचार-विमर्श भी किया और प्रश्न-उत्तर सत्र में जिज्ञासाओं का समाधान किया।
पूर्व सांसद, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेन्द्र कश्यप ने भी इस अवसर पर अपने विचार रखे।
कार्यशाला के मुख्य वक्ता एवं उत्तर भारत में विद्या भारती के महासचिव देशराज शर्मा ने कहा कि देश की शिक्षा पद्धति को सर्वहितकारी बनाने में राष्ट्रीय शिक्षा नीति महत्वपूर्ण सिद्ध होगी। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुरूप छात्रों को लाभान्वित करने के लिए अध्यापकों को 21वीं शताब्दी की चुनौतियों के समाधान खोजने होंगे और अध्यापन कार्य को मिशन के रूप में अपनाना होगा। उन्होंने कहा कि समावेशी, समान तथा गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से ही भारत पुनः ज्ञान की शक्ति बनकर उभरेगा और इस दिशा में राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 परिणाम मूलक सिद्ध होगी।
समग्र शिक्षा हिमाचल प्रदेश के परियोजना निदेशक डाॅ. वीरेन्द्र शर्मा ने कार्यशालाआंे की विस्तृत जानकारी प्रदान की। उन्होंने आग्रह किया कि सभी समूह अपने सुझाव प्रस्तुत करें।
कार्यशाला में हितधारकों के 10 समूहों द्वारा विचार-विमर्श उपरान्त राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 के सन्दर्भ में आवश्यक सुझाव प्रस्तुत किए गए।
पूर्व सांसद, राज्य अनुसूचित जनजाति आयोग के अध्यक्ष एवं भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष वीरेन्द्र कश्यप, दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी, नालागढ़ के पूर्व विधायक के.एल. ठाकुर, प्रदेश भाजपा कार्यकारिणी सदस्य डाॅ. राजेश कश्यप, जिला परिषद सोलन के अध्यक्ष रमेश ठाकुर, उपाध्यक्ष कमलेश पंवर, सदस्य दर्पणा ठाकुर, भाजपा मण्डल सोलन के अध्यक्ष मदन ठाकुर, उप निदेशक उच्च शिक्षा जगदीश नेगी, जिला शिक्षण प्रशिक्षण संस्थान के प्रधानाचार्य चन्द्रमोहन शर्मा सहित जिला के अध्यापक, शिक्षा के क्षेत्र में कार्यरत स्वयंसेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि, निर्वाचित प्रतिनिधि एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति इस अवसर पर उपस्थित थे।