योग भारती का 7 दिवसीय सह योग शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न 5 राज्यों के 20 योग शिक्षकों ने लिया प्रशिक्षण
योग भारती का 7 दिवसीय सह योग शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग सम्पन्न
कुठाड़ , राजीव ख़ामोश :
योग भारती हिमाचल द्वारा लगाए गए तीसरे सह-योग शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग में 5 राज्यों से आये 20 योग शिक्षकों ने शिक्षण ग्रहण किया। यह योग प्रशिक्षण वर्ग 25 जुलाई से 31 जुलाई तक बहु आयामी शिक्षण संस्थान माधव सृस्टि, गण की सेर अश्वनी खड्ड, सोलन में आयोजित किया गया।
योग भारती हिमाचल के संस्थापक श्रीनिवास मूर्ति, प्रदेश उपाध्यक्ष मीनाक्षी सूद, प्रदेश सचिव रजत डोगरा ने जानकारी देते हुए कहा कि यह इस वर्ष का यह तीसरा योग शिक्षक प्रशिक्षण वर्ग है जिसमें योग की ट्रेनिंग ग्रहण करने के बाद यह शिक्षक अपने जिला के अन्य स्थानों पर योग शिविर आयोजित करते हैं।
श्रीनिवास मूर्ति ने संगठन की जानकारी देते हुए बताया कि योग भारती का उद्देश्य हिमाचल सहित देश के सभी राज्यों में योग भारती की राज्य इकाई का गठन करना है। तथा योग शिक्षकों के प्रशिक्षण हेतु अश्वनी खड्ड में 11 एकड़ परिसर में विशाल योगाश्रम का निर्माण किया जा रहा है। इसके इलावा इस परिसर में भारत माता मन्दिर, माधव गौशाला एवं अनुसंधान केंद्र, उद्यान एवं जड़ी बूटी प्रशिक्षण केंद्र का कार्य भी प्रगति पर है। इस के इलावा यहां पर 2 बड़े खेल मैदान बड़े से बड़ा कार्यक्रम आयोजित करने के हिसाब से विकसित किये गए हैं। इस तरह यह उत्तर भारत का पहला स्वास्थ्य तीर्थ बनने जा रहा है।
प्रदेश सचिव रजत डोगरा ने जानकारी देते हुए बताया कि 7 दिनों की दिनचर्या में व्यस्त एवं कठोर अनुशासन के साथ सुबह 4 बजे जागरण से लेकर रात्रि 10 बजे तक योग प्रशिक्षुओं ने अलग अलग सत्रों में विभिन प्रकार की चिकित्सा पद्दतियों की जानकारी ग्रहण की। इसमें मुख्यतः सुबह 2 घंटे तथा सायं 1 घंटे की योग कक्षा शूलिनी यूनिवर्सिटी के योग शिक्षकों,आर्ट ऑफ लिविंग, पतंजलि एवं अन्य योगाचार्यों ने अलग अलग योग की विधाओं की जानकारी दी। जिसमें प्रमुख तौर पर योग गुरु श्रीनिवास मूर्ति, डॉक्टर सुबोध सौरभ, डॉक्टर माला त्रिपाठी, अनुपमा चंदेल, आर्ट ऑफ लिविंग से पुनीत, ज्योति, योग शिक्षक भूमेश, किशोर ठाकुर आदि ने योग की ट्रेनिंग दी।
इसके इलावा चिकित्सा की अन्य विधाओं में आयुर्वेद चिकित्सा विज्ञान पर आरोग्य भारती के राष्ट्रीय सचिव डॉक्टर राकेश पंडित ने प्रेजेंटेशन के माध्यम से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि शरीर को तंदरुस्त रखने के लिए प्रकृति में हर तरह की जड़ी बूटी मौजूद है, हमें इनकी जानकारी रखनी चाहिए।
उन्होंने कहा कि पिछले डेढ़ सालों के दौरान आयुर्वेद में बहुत तेजी आई है तथा लोगों का विश्वास बढ़ा है। उपाध्यक्षा मीनाक्षी सूद ने जानकारी देते हुए बताया कि तेजोमय भारत के दर्शन पर डॉक्टर मुक्ता ठाकुर शर्मा ने अपने संबोधन में कहा कि भारत वर्ष मैथ ही नहीं अपितु अणु और परमाणु विज्ञान सहित शल्य चिकित्सा में विश्व गुरु था। यही नहीं विदेशों से लोग नालन्दा विश्वविद्यालय में शिक्षा ग्रहण करने आते थे। और यहॉं से ज्ञान अर्जित कर अपने देश में भारतीय संस्कृति का व्याख्यान ही नहीं बल्कि प्रसार भी करते थे।
जानकारी देते हुए बताया कि विश्व प्रसिद्ध डॉक्टर गणेश दत्त शर्मा का हमारे प्रशिक्षण वर्ग में आना तथा अपने अनुभव साझा करना हमारे लिए बहुत ही गर्व की बात है। उन्होंने मुद्रा विज्ञान की विस्तृत जानकारी देते हुए बहुत ही सहज तरीके से समझाया कि कैसे हम जल, पृथ्वी, अग्नि, आकाश और वायु का संतुलन रखते हुए अपने शरीर को स्वस्थ और प्रसन्न रख सकते हैं। अन्य चिकित्सा पध्दतियों जैसे एक्यूप्रेशर चिकित्सा पर डॉक्टर निधि शर्मा तथा न्यूरोपैथी पर डॉक्टर अजय गांधी ने अपना संबोधन प्रस्तुत किया।
इस तरह यह सात दिनों का शिविर बहुत ही व्यस्त, अनुशासित तथा कठोर परिश्रम के साथ सम्पन्न हुआ। अंतिम दिन नैणी यूनिवर्सिटी से आई डॉक्टर मीनू सूद तथा डॉक्टर भूपिंदर दत्त की टीम ने जड़ी बूटियों की परिसर क्षेत्र के जड़ी बूटी केंद्र में लेजाकर विस्तृत जानकारी उपलब्ध करवाई। तथा देर सायं दीक्षांत समारोह के दौरान सभी योग शिक्षकों को प्रमाण पत्र वितरित किये गए